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माउंट त्रिशूल हादसा: चार लापता पर्वतारोहियों के दिखे शव।


त्रिशूल आरोहण के लापदा हुए नौ सेना के पांच पर्वतारोहियों और एक पोर्टर में से चार लोगों के शव हादसे वाले स्थान पर नजर आए हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कर्नल अमित बिष्ट ने पुष्टि की है। बिष्ट ने कहा, उच्च हिमायली क्षेत्र होने के कारण मौके पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है। इसलिए अब गुलमर्ग कश्मीर से हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल टीम की मदद ली जा रही है

बिष्ट ने बताया कि, निम की रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल पर चार शव दिखने की पुष्टि की है। शवों को बरामद करने के लिए टीम को वहां उतारा गया है। क्षेत्र में मौसम खराब है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू में आ रही कठिनाईयों को देखते हुए गुलमर्ग कश्मीर से हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल टीम की मदद ली जा रही है और संभवत: अभियान रविवार शाम तक पूरा हो जाएगा। बिष्ट ने बताया कि, दो लापता लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है।

तैनात:एसडीआरएफ की सीईओ डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल बचाव अभियान में सेना और निम ही लगी हुई है। फिर भी एसडीआरएफ की तरफ से अपनी सेवाएं देने की पेशकश की गई है। इसके लिए एक टीम, विशेषज्ञ उपकरणों के साथ जौलीग्रांट मुख्यालय में अलर्ट पर रखी गई है।

गौरतलब है कि त्रिशूल पर्वतारोहण के लिए चमोली जिले के सुतोल गांव से निकला नौ सेना का पर्वतारोही दल शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे एवलांच की चपेट में आया। जहां एक पोर्टर व पांच जवान लापता हो गए। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट को जैसे ही घटना की सूचना मिली, उनकी टीम नौसेना की ओर से भेजे गए हेलीकॉप्टर में मातली से जोशीमठ पहुंची। लेकिन रात का समय होने के कारण रेस्क्यू नहीं हो सका।

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सुबह करीब नौ बजे रेस्क्यू टीम ने माउंट त्रिशूल का हवाई दौरा किया और घटना की लोकेशन का पता लगाया। वहीं, सेना, निम, एसडीआरएफ के साथ ही अन्य दल राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। करीब 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी पर रेस्क्यू करने में टीम को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके लिए फिलहाल कश्मीर से हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल की टीम की मदद ली जा रही है।  निम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने हिन्दुस्तान को जानकारी देते हुए बताया कि गुलमर्ग से होस की टीम अधिक ऊंचाई पर रेस्क्यू करने में सक्षम है। फिलहाल सुरक्षित सदस्यों तक किसी तरह रसद पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

एसडीआरएफ की टीम भी अलर्ट
माउंट त्रिशूल पर्वतारोहण के दौरान फंसे नेवी के पर्वतारोहियों को बचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम भी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्टैंड बाई में तैनात है। इस टीम में पर्वतारोही दल के छह सदस्यों को शामिल किया गया है। हालांकि फिलहाल एसडीआरएफ से मदद नहीं मांग गई है। एसडीआरएफ की सीईओ डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल बचाव अभियान में सेना और निम ही लगी हुई है। फिर भी एसडीआरएफ की तरफ से अपनी सेवाएं देने की पेशकश की गई है। इसके लिए एक टीम, विशेषज्ञ उपकरणों के साथ जौलीग्रांट मुख्यालय में अलर्ट पर रखी गई है।

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