सुप्रीम कोर्ट ने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर ट्रस्ट को बीते 25 साल की विशेष ऑडिट से छूट देने की याचिका खारिज कर दी है.
अदालत ने न केवल श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर बल्कि मंदिर ट्रस्ट का भी, 2020 के फ़ैसले के अनुसार ऑडिट करने का आदेश दिया है.
अदालत ने कहा कि ये सारा ऑडिट तीन महीने में पूरा किया जाना चाहिए.
ऑडिट से छूट के लिए दायर ट्रस्ट की अपील पर न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने 17 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
केरल की राजधानी थिरुवाअनंतपुरम में स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मानाभस्वामी मंदिर के ऑडिट का आदेश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने दिया था.
ट्रस्ट ने अदालत में कहा था कि उसके सामने सिर्फ़ मंदिर का मुद्दा लाया गया है न कि ट्रस्ट का. ट्रस्ट का कहना था कि वो प्रशासनिक कमेटी के अधीन नहीं है. लेकिन प्रशासनिक कमेटी ने ऑडिट की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 13 जुलाई, 2020 के फैसले में कहा था कि त्रावणकोर के शाही परिवार को मंदिर का प्रशासन संभालने का अधिकार है.
शाही परिवार के महाराजा ने केरल हाई कोर्ट के मंदिर का इंतज़ाम राज्य सरकार को देने आदेश को चुनौती दी थी.
इस मामले में कोर्ट की मदद कर रहे (एमिकस क्यूरी) वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम के सुझाव के अनुसार कोर्ट ने प्रशासनिक समिति को पिछले 25 वर्षों के मंदिर की आय और व्यय के ऑडिट कराने का आदेश दिया था.
17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रशासनिक समिति ने कहा था कि मंदिर बहुत कठिन समय से गुज़र रहा है और मिल रहा दान खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं
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