कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस के केस बढ़ने लगे हैं इसी क्रम में देश के दो जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गुलेरिया और डॉ. त्रेहन ने ऑनलाइन बातचीत में कहा कि जिन लोगों को डाइबिटीज है और वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, उन पर ब्लैक फंगस के आक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है। उनका कहना है कि दरअसल ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। चूंकि डाइबिटीज मरीज स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उनका इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है, इस कारण ब्लैक फंगस को उन्हें अपना शिकार बनाने का मौका मिल जाता है। वही उत्तराखंड में भी ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आ रहे है।
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस ने दो और मरीजों की जान ले ली। शुक्रवार को मेरठ निवासी 64 वर्षीय बुजुर्ग और देहरादून निवासी 65 वर्षीय मरीज ने एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, संस्थान में ब्लैक फंगस के 15 नए मरीज मिले हैं। एम्स में अब तक 61 संक्रमित मिल चुके हैं। एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया वार्ड में वर्तमान में ब्लैक फंगस के 56 मरीज भर्ती हैं। शुक्रवार को ब्लैक फंगस केयर वार्ड में उपचार के दौरान दो संक्रमितों की मौत हुई है। एम्स में अब तक पांच संक्रमितों को मौत हो चुकी है। वहीं, ब्लैक फंगस से संदिग्ध एक सितारगंज के मरीज की भी मौत हो चुकी है।
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