मतगणना केन्द्रों में 414 हॉल में काउंटिंग टेबल लगाए गए हैं. परंपरा के अनुसार पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी. इस बार बड़ी संख्या में बुजुर्गों, कोविड प्रभावित लोगों ने पोस्टल यानी लिफाफाबंद मतपत्रों का प्रयोग किया.
इसके अलावा कोविड काल में हुए पहले विधान सभा चुनाव के लिए अतिरिक्त एहतियात बरतते हुए निर्वाचन आयोग ने मतगणना बूथों की संख्या डेढ़ गुना से भी ज़्यादा बढ़ा दी है. इन सबका मिलान करने में भी थोड़ा अतिरिक्त समय लग सकता है. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए चुनाव आयोग ने मतगणना केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी थी. उसी को देखते हुए मतगणना के लिए भी अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
मतगणना केन्द्रों की तादाद बढ़ाकर 55 कर दी गई है. मतगणना कर्मचारियों की भी तादाद उसी अनुपात में बढ़ाई गई है. चार जिलों पूर्वी चम्पारण, गया, सीवान और बेगूसराय जिलों में 3-3 केन्द्रों पर मतगणना होगी जबकि पूर्णिया, मधुबनी, सहरसा, गोपालगंज, दरभंगा, भागलपुर, बांका, नवादा और नालन्दा में 2-2 मतगणना केन्द्र बनाए गए हैं. बाकी बचे 23 जिलों में 1-1 मतगणना केन्द्र हैं.
मतगणना केन्द्रों में 414 हॉल में काउंटिंग टेबल लगाए गए हैं. परंपरा के अनुसार पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी. इस बार बड़ी संख्या में बुर्जुगों, कोविड प्रभावित लोगों ने पोस्टल यानी लिफाफाबंद मतपत्रों का प्रयोग किया. जिन्हें मतदाताओं के घर से मतदान प्रक्रिया में नियुक्त बूथ लेवल अधिकारी लेकर गए.
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