पिथौरागढ़- लद्दाख के बाद अब लिपुलेख बॉर्डर पर चीन ने माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक चीन ने लिपुलेख बॉर्डर के पास पीएलए की एक बटालियन तैनात कर दी है। जिसमें करीब 1000 सैनिक हैं। वहीं भारत ने भी चीनी सैनिकों के बराबर ही अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। भारत के लिए ये अधिक चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल के बीच तनाव चल रहा है। भारत इसे अपना इलाक़ा मानता है जबकि नेपाल ने भी इस पर दावा जता रहे है। नेपाल ने भारत के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपने राजनीतिक नक्शे में शामिल कर लिया है। इस मुद्दे पर भारत-नेपाल के बीच तनाव तो है ही, लेकिन एक तीसरे देश चीन ने अपने सैनिक भेज कर गंभीर संकेत दे दिया है।
लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल में नया विवाद उस समय खड़ा हो गया जब लिपुलेख को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना का 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया। नेपाल ने ये कहते हुए विरोध किया कि ये सड़क उनके इलाके में बनी हुई है। उसके बाद नेपाल की संसद ने संविधान संशोधन अधिनियम पारित कर लिपुलेख, कालापनी और लिम्पियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल कर लिया है। नक्शे में शामिल करने के बाद लगातार भारत-नेपाल के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। वहीं चीन ने लिपुलेख बॉर्डर पर सैनिकों की सक्रियता बढ़ाकर अपनी विस्तारवादी नीति का स्पस्ट सन्देश दिया है।
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