21 साल पहले का वह कारगिल युद्ध भला कौन भूल सकता है जब भारतीय सेना के आगे पाक को मुंह की खानी पड़ी थी। पाकिस्तानी सेना और उसके घुसपैठियों ने मई की शुरूआत से ही कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। इस दुर्गम पहाड़ी इलाके में पाकिस्तान ने बडे हिसाब और चतुराई से घुसपैठ कर कब्जा किया था। शुरूआत में भारत को लगा कि यह मामूली घुसपैठ है लेकिन बाद में जब पता चला कि पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है तो सरकार ने ऑपरेशन विजय शुरू करते हुए बड़ी तादाद में सैनिकों को भेज दिया ।8 मई 1999 को पाकिस्तान की 6 नॉर्दन कमांड लाइट इंफ्रै्ट्री के कैप्टन इफ्तखार एक हवालदार 12 सैनिकों के साथ कारगिल की आजम चौकी पर बैठे हुए थे और इसी दौरान उनकी नजर कुछ दूरी पर मौजूद भारतीय चरवाहों पर पड़ी।
बता दें 21 साल पहले पाकिस्तान आर्मी ने मिलिटेंट के साथ मिलकर भारतीय सीमा में ठंड के चलते खाली हुई चौकियों पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद भारत को सैन्य कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा था।।
सेना की इस कार्रवाई का नाम ऑपरेशन विजय था. उस युद्ध में भारत के 407 अधिकारी और जवान शहीद हुए, जबकि 696 पाकिस्तानी अधिकारी और जवान मारे गए. 26 मई 1999 को शुरू हुई सेना की कार्रवाई में भारत ने युद्ध के आधिकारिक खात्मे, मतलब 26 जुलाई तक अपने सभी इलाकों को दोबारा हासिल कर लिया गया था. हालांकि प्रधानमंत्री वाजपेयी 14 जुलाई को ही ऑपरेशन को सफल घोषित कर चुके थे ।।
More Stories
उत्तराखंड: अप्रैल और मई महीने में गर्मी सताएगी, मैदान से लेकर पहाड़ तक चढ़ेगा पारा
मौसम अपडेट : उत्तराखंड में मौसम 17 मार्च तक रहेगा खराब
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत