कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों को सतर्क रहने, टेस्टिंग व जिनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने, अस्पतालों और दवाओं का स्टॉक तैयार रखने का निर्देश दिया है। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में आठ और नौ अप्रैल को सभी जिलों में कोरोना की तैयारियों की समीक्षा और 10 और 11 अप्रैल को कोरोना अस्पतालों में मॉक ड्रील करने का फैसला लिया गया।
10-11 अप्रैल को अस्पतालों में मॉक ड्रील
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि महामारी की टोकथाम के लिये पर्याप्त संसाधनों एवं प्रबंधन का अनुमान लगाने के उद्देश्य से आगामी 10 अप्रैल को सभी चिकित्सा इकाईयों में मॉक ड्रिल आयोजित की जायेगी। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। इसेक साथ ही चारधाम यात्रा को देखते हुये यात्रा मार्गों पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी अधिकारियों दे दिए गए हैं।
विभागीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 26 फीसदी लोगों को प्रिकॉशन डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों को पहली एवं दूसरी डोज शतप्रतिशत लगाई जा चुकी है। कोविड- 19 जांच के लिये प्रदेश में 11 राजकीय जांच केन्द्रों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा है। जिनकी प्रतिदिन औसतन 13000 से 15000 सैंपल जांच करने की क्षमता है।
लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले
इसी तरह से इस दौरान पोजेटिविटी दर एक फीसद से कम से बढ़कर औसतन 3.02 फीसद तक पहुंच गई है। केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में 10 या इससे अधिक जिलों में पोजेटिविटी दर 10 फीसद से ऊपर पहुंच गई है, जबकि कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश में पांच से अधिक जिले में पोजेटिविटी दर पांच फीसद से ऊपर पहुंच गई है। कोरोना के ताजा संक्रमण के लिए एसबीबी.1.16 वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
कोरोना केस में इजाफा
मनसुख मांडविया ने कहा कि फरवरी में आ रहे कुल कोरोना के मामलों में 21.6 फीसद इस वैरिएंट के थे, लेकिन अब कुल मामलों में इस वैरिएंट का प्रतिशत 35.8 फीसद पहुंच गया है, लेकिन सबसे राहत की बात है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है। इसकी वजह भारत में होने वाला सफल टीकाकरण अभियान को माना जा रहा है।
कोरोना की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देशों को सख्ती से किया जाएगा लागू
इसके अलावा राज्य में कोविड-19 की जीनोम सीक्वैनसिंग जांच के लिये राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून, हल्द्वानी एवं अल्मोड़ा में लैब कार्यशील है। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य के राजकीय चिकित्सालयों में कुल 7703 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 852 आईसीयू बेड एवं 1165 वेंटिलेटर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
राज्यों से टेस्ट सुनिश्चित करने की अपील
उन्होंने राज्यों को सर्दी-जुकाम के सभी मरीजों को कोरोना टेस्ट सुनिश्चित करने और कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट की पहचान कर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और अतिरिक्त सचिव भी मौजूद थे।
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