मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ के खोतिला क्षेत्र (धारचूला) में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ एवं पुलिस द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। सीएम ने आपदा प्रभावितों को हर सम्भव सहायता देने का भरोसा दिलाया।
सीएम ने बताया कि कयहां काफी नुकसान हुआ है। कोकिला गांव के 58 परिवार के मकान पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। एल धारा में भूस्खलन हुआ है उससे धारचूला शहर में मलबा आ गया है, काफी घर उसकी जद में आ गए हैं। हम लोग यहां पुनर्वास की व्यवस्था की बात कर रहे हैं।
वह खुद राहत एवं बचाव कार्यों पर नजर बनाए हैं। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। वहीं ऐलाधारा में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए बीआरओ व प्रशासन को ठोस रणनीति के तहत काम करने के निर्देश दिए। सीएम धामी ने आपदा की इस घड़ी में गॉर्ड ऑफ ऑनर भी नहीं लिया।
क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया। यहां हुई बारिश से धारचूला-तवाघाट सड़क पर ऐलधारा के पास फिर से भूस्खलन हुआ। पहाड़ी से भारी मात्रा में आया मलबा 15 दुकानों व 30 घरों में घुस गया, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है। वहीं 2 कार व 4 बाइक भी मलबे में दब गए। लगातार हुए भूस्खलन से क्षेत्र की 10 हजार से अधिक की आबादी दशहत में रही।
नेपाल के दार्चूला के दल लेख में शुक्रवार रात 11 बजे के करीब मूसलाधार बारिश हुई जिससे लास्कू नाला उफान पर आ गया। स्थानीय लोग जहां इसे बादल फटना बता रहे हैं, वहीं प्रशासन अतिवृष्टि कह रहा है। जिला प्रहरी कार्यालय के प्रहरी निरीक्षक जगत गाहा ने बताया कि आपदा से महाकाली नगर पालिका दो निवासी नंद राम बोहरा (77), वार्ड नंबर एक सल्ला निवासी मानमती कार्की (44), नौगांव पालिका दो निवासी जानकी ठगुन्ना (32), धनुली ठगुन्ना (15) और मोहनराम पार्की (68) की मौत हो चुकी है। इनके शव बरामद हो चुके हैं। मलबे से सल्ला गांव के आठ मकान समेत कुल 30 मकान जमींदोज हो गए हैं। गांव के बीरा ठगुन्ना को गंभीर चोटें आई है। खलंगा स्थित दशरथनगर का स्कूल बह गया है। दुहु और महाकाली को जोड़ने वाले लास्कू सस्पेंशन पुल और मोटर पुल भी बह गए हैं।
लोगों ने पूरी रात दहशत में बिताई। पहाड़ी से लगातार मलबा व बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे लोगों में दहशत है। घटना के बाद पालिका की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन उसका बस नहीं चला। पहाड़ी से गिरते मलबे व आसमान से हो रही बारिश के बीच प्रभावितों को राहत पहुंचाना टीम के लिए चुनौती भरा साबित हुआ। दूसरे दिन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना व नगर पालिका की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया।
पूरी रात सो नहीं सके लोग
धारचूला। ऐलाधारा में एक माह पहले शुरू हुआ भूस्खलन क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। लगातार हो रहे भूस्खलन से मल्ली बाजार, कुटियालखेड़ा, रौंकलीखेड़ा वार्ड के लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।
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