उत्तराखंड में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर क्यासबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ जीती भाजपा हाईकमान अब मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेगा। मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर भाजपा में चल रही लॉबिंग के बीच शनिवार को कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी दिल्ली पहुंच गए हैं। चर्चा है कि वह पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। उधर, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पहले से ही दिल्ली में हैं। उत्तराखंड की कमान किसी ठाकुर या ब्राह्मण विधायक को मिलेगी ? नतीजों के बाद भाजपा विधायक लॉबिंग करने में जुट गए हैं। पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा सीट से हारने के बाद अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान पार्टी हाईकमान जल्द कर सकती है।
वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए विधायकी छोड़ने की घोषणा करने वाले विधायकों की भी संख्या कम नहीं, कई विधायक ऐसा कर चुके हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस तरह के बयानों से पार्टी संगठन इससे नाराज हैं और दो विधायकों को इसको लेकर फटकार भी लगाई गई हैं साफ कहा गया हैं कि पार्टी के द्वारा अभी किसी विधायक को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया तो फिर क्यों बेवजह ऐसा किया जा रहा हैं अब तमाम विधायक भले ही धामी के भले और उनका पक्ष लेने के लिए ऐसा कर रहे हो लेकिन इससे सीएम धामी के पक्ष के ज्यादा विपक्ष में बात जा सकती हैं क्योंकि उत्तराखंड का इतिहास कहता है कि जिसका नाम सबसे ज्यादा चलता है उसी का नाम सबसे पहले कटता भी है.
राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो कैबिनेट मंत्रियों में सतपाल महाराज और धन सिंह रावत इसके प्रबल दौड़ में हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी रेस में बने हुए हैं तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी विकल्प खुला है। वही पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी का नाम भी बड़ी गंभीरता से लिया जा रहा है।
वहीं, गैर विधायकों में पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट और सांसद अनिल बलूनी के नाम की चर्चाएं चल रही हैं।
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