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पुष्कर सिंह धामी ने सीएम पद से दिया इस्तीफा।


उत्तराखंड में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने वाली है। जनता ने 70 में से 47 सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाई है। हालांकि खटीमा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी हार गए हैं। इसी बीच धामी शुक्रवार को देहरादून स्थित राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से भेंट कर उन्हें अपना त्याग पत्र सौंप दिया।

 

इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने के साथ ही पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है। इस अवसर पर उनके साथ केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, अरविंद पांडेय, यतीश्वरानंद, गणेश जोशी शामिल थे। धामी ने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। मैंने पार्टी की दी गई जिम्मेदारी को निभाया है।

इसके अलावा नई सरकार के मुखिया के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, सतपाल महाराज के नाम भी चर्चा में हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार बदली परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर नेतृत्व मंथन में जुट गया है। हालांकि अधिक संभावना इस बात की है कि विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा।

प्रदेश की भाजपा सरकार में पिछले वर्ष जुलाई में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद भाजपा ने धामी को कमान सौंपी। इसके बाद धामी ने राजनीतिक कौशल का परिचय देकर पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचने में सफलता पाई। इसे देखते हुए पार्टी ने यह साफ किया था कि विधानसभा चुनाव में धामी ही उसका चेहरा होंगे। अब जबकि विधानसभा चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो चुकी है, भाजपा स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आ गई है, लेकिन धामी के चुनाव हार जाने से इसे लेकर चर्चा होने लगी है कि मुख्यमंत्री कौन होगा।

कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश

विधानसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि धामी को ही पार्टी फिर से मौका दे सकती है। चम्पावत से चुनाव जीते विधायक कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी तर्क दिया जा रहा कि जिस तरह से बंगाल में टीएमसी ने चुनाव हारने के बाद भी ममता बनर्जी को ही अपना नेता चुना, उसी तरह का प्रयोग भाजपा यहां भी कर सकती है।

इसके साथ ही ये चर्चा भी है कि बदली परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें भी अवसर दे सकती है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार के मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम भी चर्चा में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सभी विषयों पर मंथन चल रहा है। एक-दो दिन में इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।

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