देहरादून :
आज जौनपुर, टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत ख्यार्सी गांव में कृषि व्यवसाय पर आधारित ग्राम्यनिधि ग्रोथ सेंटर के भवन का लोकार्पण किया। हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए प्रयासरत है। मुझे बेहद खुशी है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए स्थानीय संसाधनों पर आधारित कुटीर उद्योगों के लिए ग्रोथ सेंटर की जो परिकल्पना की थी, वो धरातल पर उतर रही है। वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में करीब 100 ग्रोथ सेंटर पर काम चल रहा है।
● क्या है ग्रोथ सेंटर:>
पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग करके गांव में ही प्रोसेसिंग करवाना और इन उत्पादों की ब्रांडिंग करके उचित बाजार उपलब्ध करवाने की संकल्पना का नाम ग्रोथ सेंटर है। स्थानीय स्तर पर व्यापक रोजगार उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है। यानी क्षेत्र में जिस उत्पाद की उपलब्धता है, उसे कुटीर उद्योग के तौर पर विकसित करके उत्पादन शुरू किया जाता है। इस तरह आसपास के लोगों को इससे सीधा रोजगार मिलता है। उत्पादों की खपत लोकल मार्केट से लेकर अन्य बड़े बाजारों में भी होगी, उत्पादों के लिए मार्केटिंग चेन बनने से रोजगार भी मिलता है। इस तरह एक ग्रोथ सेंटर स्थानीय स्तर पर इकोनॉमी को जेनरेट करता है। ग्रोथ सेंटर, कृषि आधारित उत्पादों, ऊन उत्पादन, पशुपालन, मछलीपालन, दुग्ध उत्पादन, बागवानी उत्पादों, मसालों, सगंध पौधों पर आधारित हो सकते हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत में एक ग्रोथ सेंटर विकसित करने की योजना बना रही है, जिसमें से करीब 100 ग्रोथ सेंटर स्थापित हो चुके हैं। ग्रोथ सेंटर को एम.एस.एम.ई. नीति के तहत उचित प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।
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