जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए 48 राष्ट्रीय राइफल के कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर आज जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा.जहां मुख्यमंत्री धामी के साथ-साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने भी उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए.
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने बलिदानी के ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान देने और उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना की. इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने शहीद के पिता महेश सिंह से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और सरकार के स्तर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
वीरगति को प्राप्त हुए कैप्टन दीपक सिंह को पुलिस मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार और मुख्यालय का स्टाफ शामिल रहा। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि कैप्टन दीपक सिंह का यह सर्वोच्च बलिदान देश ही नहीं उत्तराखंड पुलिस परिवार के लिए भी अपूरणीय क्षति है। इस दुःखद क्षण में समस्त उत्तराखंड पुलिस परिवार कैप्टन दीपक सिंह के पिता महेश सिंह के साथ खड़ा है। महेश सिंह डीजीपी के गोपनीय सहायक के रूप में नियुक्त रहे। 30 अप्रैल, 2024 को वे सेवानिवृत्ति हुए हैं।
रक्षाबंधन से पहले बहनें अभी राखियां चुन ही रहीं थीं कि लाडले भाई के बलिदान ने उन्हें तोड़कर रख दिया। पिता महेश सिंह पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं तो पूरा पुलिस परिवार शोक में डूबा है। आस-पड़ोस का हर व्यक्ति कैप्टन दीपक सिंह की यादों में डूबकर आंसू बहा रहा है।
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