मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में टनल की खुदाई में अहम भूमिका निभाने वाले 12 रैट माइनर्स को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने सभी रैट माइनर्स को 50-50 हजार रुपये की सम्मान राशि के चेक भी प्रदान किए।
गुरुवार को सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रैट माइनर्स ने अपनी जान की परवाह किये बिना कठिन परिस्थितयों में टनल में खुदाई, सफाई और पाइप को काटने का कार्य किया। सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलता तक पहुंचाने में रैट माइनर्स का बहुत बड़ा योगदान रहा। बता दें कि सिलक्यारा में सुंरग का एक हिस्सा धंसने के कारण 41 मजदूर अंदर ही फंस गए थे। जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन 17 दिनों तक चला था।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रैट माइनर्स के लिए आयोजित किए गए सम्मान समारोह में कहा कि रैट माइनर्स ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया था। बता दें कि सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम धामी खुद नजरें बनाए हुए थे। सीएम धामी ने सिलक्यारा में रहकर मजदूरों का हौसला बनाए रखा।
कौन हैं रैट माइनर्स ?
रैट माइनर्स का नाम सुनकर आपके दिमाग में एक ही सवाल आ रहा होगा कि ये कौन हैं और कैसे काम करते हैं ? रैट शब्द यानी चूहा इनके नाम से ही इनके काम का अंदाजा लगाया जा सकता है। रैट माइनर्स चूहे की तरह कम जगह में तेज खुदाई करने वाले विशेषज्ञ हैं। रैट माइनर्स सुंरग के अंदर खुदाई करते हैं। सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में 41 जिंदगियां बचाने में रैट माइनर्स ने अहम भूमिका निभाई थी।
More Stories
उत्तराखंड: अप्रैल और मई महीने में गर्मी सताएगी, मैदान से लेकर पहाड़ तक चढ़ेगा पारा
मौसम अपडेट : उत्तराखंड में मौसम 17 मार्च तक रहेगा खराब
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत