उत्तराखंड के दून मेडिकल कॉलेज मेडिकल सोशल वर्कर के पद पर तैनात रहा युवक पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गया। लगभग 3 घंटे की हाई प्रोफाइल ड्रामे के बाद पूर्व संविदा कर्मी गोविंद आर्य कॉलेज प्रबंधन से वार्ता के आश्वासन पर नीचे उतरा। युवक के नीचे उतरने के बाद कॉलेज प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
सरकार पर लगाए भेदभाव का आरोप
घटना मंगलवार की बताई जा रही है। युवक की पहचान गोविंद प्रसाद निवासी पिथौरागढ़ के रूप में हुई है। युवक ने लाइव आकर कहा कि मेरी मौत का जिम्मेदार दून मेडिकल कॉलेज होगा। युवक ने बताया कि वो दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साइकेट्रिक विभाग में सोशल वर्कर के पद पर संविदा में 2016 से 2022 तक कार्यरत था। उस दौरान तीन साल के लिए एग्रीमेंट हुआ था।
एग्रीमेंट में कहा गया था कि तीन साल में नियमित भर्ती होने तक काम करना होगा। लेकिन उसने वाहन पर छह साल काम किया इसके लिए कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था। जब नियमित भर्ती की परीक्षा हुई तो उसे परीक्षा देने का मौका नहीं दिया गया और अयोग्य घोषित करते हुए बाहर कर दिया। जबकि उसके साथ के ही अन्य कर्मचारियों को फेल होने के बाद भी दूसरे पद पर भर्ती कर दी गई।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि एमएसडब्ल्यू के पदों पर नियमित नियुक्ति की जा चुकी है। ऐसे में अब संविदा कर्मियों को सेवा विस्तार दे पाना नामुमकिन है। गोविंद को कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। नियमित कर्मी लगातार आवास के लिए प्रत्यावेदन दे रहे हैं लेकिन गोविंद आवास छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जिसके चलते आवास का कब्जा छुड़वाने के लिए पुलिस को पत्र लिखा गया था। प्राचार्य सयाना ने कहा कि गोविंदा आर्य अपना प्रत्यावेदन दे दे, जिससे कि मामले को सक्षम स्तर पर रखा जा सके।
More Stories
उत्तराखंड: अप्रैल और मई महीने में गर्मी सताएगी, मैदान से लेकर पहाड़ तक चढ़ेगा पारा
मौसम अपडेट : उत्तराखंड में मौसम 17 मार्च तक रहेगा खराब
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत