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पटवारी पेपर लीक मामले में दोषी गिरफ़्तार, पढ़े पूरी ख़बर।


उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहा है। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के बाद अब यूकेपीएससी पेपर लीक विवाद सामने आ गया है। जिसके बाद से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से लेकर पूरी सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। आयोग ने 8 जनवरी रविवार को राजस्व उपनिरीक्षक, लेखपाल/पटवारी परीक्षा आयोजित कराई थी। जो कि लीक हुआ है। जिसपर एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़कर हरिद्वार कनखल थाने में मुकदमा दर्ज किया है। इस बार पेपर लीक कराने वाला आयोग के अति गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी हैंं। जिन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर पेपर लीक कराया था। आयोग ने परीक्षा को रद्द करते हुए 12 फरवरी को दोबारा परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है।

एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने जिस अधिकारी को पेपर की पूरी जिम्मेदारी दी थी, उसी ने सेंधमारी कर दी। अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने मोबाइल से पेपर के फोटो खींचकर इसे लीक कर दिया। इसके लिए उसने 25 लाख रुपये एडवांस लिए थे। पूरा सौदा कितने में हुआ था, एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। अब तक जांच पड़ताल में लगभग 35 अभ्यार्थियों द्वारा परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र लेने की बात सामने आई है। एसटीएफ ने अब तक 41 लाख 50 हजार का कैश बरामद किया है।

बेटी के ट्यूशन के चलते चतुर्वेदी की राजपाल से हुई मुलाकात
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की भतीजी हरिद्वार के एक कॉलेज से पॉलीटेक्निक कर रही थी। इसी कॉलेज का लेक्चरर राजपाल उसे ट्यूशन पढ़ाता था। इसी दौरान संजीव और राजपाल में बातचीत शुरू हुई और बाद में दोस्ती हो गई। दोनों करीब पांच साल से दोस्त थे और एक-दूसरे के घर अक्सर आते-जाते थे। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि दोस्ती के बाद ही राजपाल ने संजीव चतुर्वेदी को इस बारे में इशारा कर दिया था। इसके बाद राजपाल ने अपने अन्य करीबियों से पेपर लीक कराने का प्लान बनाया। सबकी सहमति और रणनीति के बाद पेपर लीक कराकर अभ्यर्थियों को बांटा गया।

पटवारी की परीक्षा रविवार को हुई थी। जिसके लीक होने की सूचना एसटीएफ को दो दिन बाद ही मिल गई। इस बीच एसटीएफ ने इनपुट के आधार पर हरिद्वार में पूछताछ और संदिग्धों से जानकारी जुटाई। जिसके बाद धीरे-धीरे परत खुल गई। एसटीएफ ने जब संजीव चतुर्वेदी का पकड़ा तो पता चला कि उसी ने गोपन कार्यालय से 380 सवालों की फोटो मोबाइल में खींचकर अपनी पत्नी को भेजी थी। इन्हीं 380 सवालों में से ही 100 सवाल लिए जाने थे। ऐसे में आरोपी ने सारे सवाल अभ्यर्थियों को रटाए गए थे। जिसके बाद क्वेश्चन तैयार कर राजपाल को भेजे गए। राजपाल ने अभ्यार्थियों से संपर्क किया। इसके बाद अभ्यार्थियों से पेपर हल करवाने के लिए लक्सर ले जाया गया। पेपर हल करवाने के बाद सभी को घर भेज दिया गया।

पकड़े गए आरोपी-

  • संजीव चतुर्वेदी, अनुभाग अधिकारी, अतिगोपन अनुभाग-3, राज्य लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड, जनपद हरिद्वार
  • रितु पत्नी संजीव चतुर्वेदी, आयोग आवास, हरिद्वार
  • राजपाल पुत्र स्व0 श्री फूल सिंह नि0 ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी, जनपद सहारनपुर उ0प्र0 हाल निवासी ग्राम सुकरासा अम्बूवाला थाना पथरी जनपद हरिद्वार
  • संजीव कुमार पुत्र स्व0 श्री मांगेराम निवासी ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी सहारनपुर उ0प्र0 हाल निवासी फ्लैट नं0 जी-407 जर्स कन्ट्री ज्वालापुर थाना ज्वालापुर जनपद हरिद्वार
  • रामकुंमार पुत्र सुग्गन सिंह नि0 ग्राम सेठपुर, लक्सर, जनपद हरिद्वार

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