राजकीय मेडिकल कॉलेज दून के बाद प्रदेश सरकार जल्द ही तीन और मेडिकल कॉलेजों में भी कोविड संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग लैब स्थापित करेगी। इसके लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली से पंजीकरण की अनुमति मांगी है। इसके अलावा बूस्टर डोज लगाने के लिए केंद्र सरकार से तीन लाख कोविड वैक्सीन मांगी गई हैं।
राज्य के मेडिकल कॉलेजों देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी व अल्मोड़ा में प्रतिदिन 11 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्टिंग की क्षमता है जबकि इन मेडिकल कॉलेजों में स्थापित जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में प्रतिमाह दो हजार से अधिक जीनोम सीक्वेसिंग की क्षमता है।
राज्य में कोरोना के हालात को संभालने के लिए सरकार ने वैक्सिनेशन और बूस्टर डोज पर भी फिर एक बार फोकस किया है। वैक्सीन लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने केंद्र से तीन लाख बूस्टर डोज की खुराक मांगी है।
इसके साथ ही अब राज्य के अस्पतालों में सर्दी, जुकाम, बुखार की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है।
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