परिवार के साथ ही मुस्लिम समाज भी जब मोहब्बत की राह में रोड़ा बना तो सितारगंज की साईन सनातन धर्म स्वीकार कर नीलम बन गई।
हिंदू रीति रिवाज से अग्नि को साक्षी मानकर मनोज के साथ गुरुवार को सात फेरे लिए। इस मौके पर समाज के संभ्रांत लोग भी उनकी खुशी में भागीदार बने।
दोनों साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई की
शहर निवासी साईन और पड़ोस के मनोज एक दूसरे को पसंद करते थे। साथ पढ़ाई-लिखाई और कई मौके पर एक दूसरे के सहयोगी भी बने। ऐसे में उनकी नजदीकी बढ़ती गई।
दोनों ने अपने स्वजन को रिश्ते की जानकारी दी। लेकिन अलग संप्रदाय के होने के कारण बड़े-बुजुर्ग शादी के लिए राजी नहीं हुए।
मनोज और साईन ने अपने परिवार वालों को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन जब वो नहीं माने तो साईन और मनोज ने मजहबी बंदिशें तोड़ते हुए घर छोड़ दिया। बाद में परिजनों ने किसी तरह उन्हें ढूंढ निकाला और दोनों को समझा-बुझाकर घर ले आए। साईन और मनोज दोनों ही एक-दूसरे के साथ रहना चाहते थे। परिवार का विरोध भी साईन को डिगा नहीं पाया। इसके बाद पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय गोयल और हरीश दुबे ने दोनों परिवारों को समझाया। गुरुवार को शहर के खटीमा मार्ग स्थित मौनी बाबा मंदिर में साईन ने सनातन धर्म स्वीकार कर अपना नाम नीलम रख लिया। इसी मंदिर में नीलम और मनोज ने अग्नि को साक्षी मानकर नए जीवन की शुरुआत की। इस मौके पर शहर के गणमान्य लोग भी मौजूद रहे और दंपति को आशीर्वाद दिया।
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