अगले यात्रा सीजन में देहरादून से केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए सीधी हेली सेवा शुरू करने की तैयारी है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने इसका प्रस्ताव भेजा है। नागर विमानन महानिदेशालय से यदि इस रूट को मंजूरी मिल जाती है तो यात्रियों को सहस्त्रधारा हेलीपैड से केदारनाथ एवं बदरीनाथ जाने की सुविधा उपलब्ध होगी।
सहस्रधारा से शुरु हो सकती है हेली सेवा
यह हवाई मार्ग यदि डीजीसीए से स्वीकृत हो जाता है तो फिर सहस्रधारा से बदरीनाथ-केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा शुरू हो जाएगी। इनके अलावा केदारनाथ वैली से बदरीनाथ, गौचर से केदारनाथ के लिए भी हेली सेवा की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। यूकाडा ने केदारनाथ हेलीपैड की सुरक्षा और अग्निशमन की व्यवस्था निजी सुरक्षा एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है।
शनिवार को सहस्रधारा हेलीड्रोम स्थित कार्यालय में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में आगामी यात्री वर्ष 2023 के लिए हेली शटल सर्विस व हेली चार्टर सेवाओं के संचालन के साथ ही यात्रियों की आधारभूत सुविधा के संबंध में चर्चा की गई।
बैठक में सहस्रधारा हेलीपैड से केदारनाथ व बदरीनाथ के लिए शटल सेवा पर विचार हुआ। इस पर सचिव नागरिक उड्डयन ने दोनों स्थानों पर हेली शटल सेवा के प्रस्ताव देने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। उचित पाए जाने पर ये सेवाएं शुरू की जाएंगी।
इस दौरान उन्होंने केदारनाथ धाम के लिए किराये की दरें नए सिरे से तय करने को निविदा आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में तीन वर्ष के लिए किराया तय किया गया था। अब वर्ष 2023 में इसका नए सिरे से परीक्षण किया जाना है।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में नौ हेली कंपनियां सेवाएं दे रही हैं। इनकी संख्या अभी न बढ़ाई जाए। उन्होंने टिकट की ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिए कस्टमर केयर साफ्टवेयर बनाने और बुकिंग पोर्टल पर आवश्यक परिवर्तन करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, वित्त नियंत्रक अमित सैनी, हेड आफ आपरेशन कर्नल समीर सिंह के अलावा हेली कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मौसम विभाग केदारनाथ में सब स्टेशन स्थापित करेगा
हेलीकॉप्टर एवं यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई अहम सुझाव सामने आए। निर्णय लिया गया कि मौसम विभाग की ओर से केदारनाथ में सब स्टेशन लगाया जाए। इसके अलावा केदार वैली में विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगाते हुए उनको नेटवर्क के माध्यम से वास्तविक समय की सूचना देने के संबंध में सहमति ली जाएगी। डीजीसीए से तकनीकी सलाह लेते हुए उनका मूल्यांकन अगले यात्रा सीजन से पहले करने का निर्णय लिया गया है।
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