तराई में मंगलवार की देर रात आए भूकंप के तीव्र झटके से लोग सहम उठे। लोग जान बचाने के लिए घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान में आ गए और फोन कर सगे संबंधियों से घर से बाहर आने की अपील करते भी दिखे। करीब एक घंटे तक डर के चलते लोग घरों में अंदर वापस नहीं गए। इंदिरा बंगाली कॉलोनी निवासी अनीता मंगलवार रात अपने परिवार के साथ सो रही थी। रात करीब 2 बजे अचानक भूकंप के झटके महसूस होने पर वह उठकर बाहर की ओर भागी। अनियंत्रित होकर दूसरी मंजिल की रेलिंग से अनीता नीचे आ गिरी। उसके दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया।
परिवार के लोग उसे शहर के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। चिकित्सकों के अनुसार उसका ऑपरेशन किया जाएगा। निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ वसीम ने बताया कि युवती के काफी चोट लगी है और उसके दोनों पैरों में फ्रैक्चर आया है। उन्होंने कहा कि उसका उपचार जारी है।
मंगलवार रात मौसम सामान्य था। हल्की हवाएं चल रही थीं व बादल छाए थे। रात्रि एक बजकर 58 मिनट पर अचानक मकान हिलने लगे। घर में रखे सामान, पंखे, बेड, दरवाजे और खिड़कियाें के हिलने से लोगों की नींद टूटी तो उन्हें भूकंप का आभास हुआ। इस पर वे अपने-अपने घरों से लोग बाहर निकल गए। साथ ही घरों में नींद में डूबे लोगों को बाहर निकलने के लिए आवाज लगाने लगे।
बंगाली समुदाय के लोग मैदान में जाकर पूजा करने लगे। करीब 17 सेकेंड के भूकंप के झटके ने लोगों को सहम जाने को मजबूर कर दिया। अधिकतर लोग खुले मैदान में इकट्ठा हो गए। तड़के करीब तीन बजे तक लोगों ने खुले आसमान के नीचे ही अपना समय व्यतीत किया।
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