द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर हुए हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आकर क्रेवास में दबे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 29 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की खोज के लिए आज गुरुवार को भी खोज अभियान चलाया जा रहा है। निम और एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को 13 और शव निकाले। अबतक कुल संख्या 16 पहुंच गई है। वहीं मौसम खबरा होने के चलते रेस्क्यू रोका गया। 13 प्रशिक्षु पर्वतारोही अभी लापता हैं।
बहुत अधिक ऊंचाई के कारण बुधवार को रेस्क्यू टीम घटनास्थल नहीं पहुंच पाई थी। बुधवार शाम को जो अपडेट मिला था उसके अनुसार रेस्क्यू टीम घटनास्थल से तीन घंटे की दूरी पर थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले तीन दिन गढ़वाल मंडल के कुछ जनपदों में भारी बारिश की आशंका है। वहीं जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है।
डीएम अभिषेक रूहेला ने ट्रेकिंग व पर्वतारोहण दलों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेकिंग व पर्वतारोहण गतिविधियां बंद रखने का निर्णय लिया है। आदेश के अनुसार इस दौरान किसी भी दल को ट्रेकिंग व पर्वतारोहण के लिए अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्र में पहले से ट्रेकिंग व पर्वतारोहण के लिए गए दलों को भी मौसम संबंधी जानकारी दी जा रही है जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर रुक सकें।

हिमस्खलन की सूचना मिलते ही निम के बेस कैंप में मौजूद टीम सबसे पहले हरकत में आई। यह टीम महज पांच घंटे में 22 किलोमीटर का दुर्गम सफर तय करते हुए घटनास्थल तक पहुंच गई और अपने साथियों को रेस्क्यू किया। द्रौपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद सकुशल बचे प्रशिक्षक अनिल कुमार ने बताया कि घटना मंगलवार सुबह करीब आठ बजे की है।
ग्रुप के सभी प्रशिक्षु व प्रशिक्षक हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। घटना की जानकारी किसी तरह बेस कैंप तक पहुंचाई गई। यहां से रेस्क्यू के लिए तत्काल एक टीम रवाना हुई। बेस कैंप से घटनास्थल करीब 22 किमी दूर है लेकिन दल ने मात्र पांच घंटे में यह सफर तय किया।

दल दोपहर डेढ़ बजे तक घटना स्थल पर पहुंच गया था। दल के यहां पहुंचने तक फर्स्ट रिस्पांडर ने कुछ साथियों को रेस्क्यू कर लिया था। उन्हें रेस्क्यू दल ने बेस कैंप पहुंचाना शुरू किया।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने कहा कि जो शव बरामद हुए हैं, सभी को बेस कैंप में लाया जा रहा है। मौसम अनुकूल होने पर रिकवर किए गए शवों को शुक्रवार को हैलीकाप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया जाएगा। वर्तमान समय में द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हो रही है जिसके कारण रेस्क्यू अभियान फिलहाल रोका गया है।
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