केदारनाथ के बाद अब उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हिमस्खलन की वजह से पर्वतारोहण ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षार्थी बर्फ के पहाड़ पर फंस गए हैं। द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना है। चिंता की बात है कि हादसे में दो प्रशिक्षार्थिों की मौत भी हो गई है।21 लोग अभी भी वहां फंसे हैं।
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एयरफोर्स से शासन ने संपर्क किया है। तीन हेलीकॉप्टर पूरे क्षेत्र की रेकी करेंगे। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है। जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी रवाना किया जाएगा।
22 सितंबर से चल रहा था प्रशिक्षण
नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था। जिसमें बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे। जबकि एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि क्रेवांस में फंसे लोगों को निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर निम के पास दो सेटेलाइट फोन मौजूद हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ निरन्त समन्वय किया जा रहा है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए बताया कि हिमस्खलन की वजह से फंसे प्रशिक्षार्थियों को बचाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी।
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