स्पीकर रहते विधानसभा में की गई नियुक्तियों को लेकर विवाद में आए काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अब शहरी विकास विभाग में हुए 74 तबादलों को लेकर चर्चा में आ गए हैं। शहरी विकास मंत्री अग्रवाल ने स्टडी टूर पर जर्मनी जाने से पहले यह तबादले किए। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इन तबादलों को अग्रिम आदेश तक स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद शनिवार को शहरी विकास विभाग ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं में कार्यरत कर एवं राजस्व अधीक्षक, अधिशासी अधिकारी, कनिष्ठ सहायक से लेकर सफाई निरीक्षक के 74 पदों पर तबादले कर दिए थे। रविवार को मंत्री अग्रवाल ने उधर स्टडी टूर के लिए जर्मनी की उड़ान भरी तो इधर उनके किए तबादलों पर रोक लगा दी गई। सूत्रों के मुताबिक, तबादलों पर सीएम कार्यालय से रोक लगाई गई है।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार, इस स्टडी टूर का मकसद उत्तराखंड और जर्मनी के बीच सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की जानकारी साझा करना है। इस दौरान गंगा नदी में कूड़ा प्रवाह रोकने के तरीकों पर भी विचार किया जाएगा। बताया गया कि अध्ययन के लिए गए दल पर होने वाला पूरा खर्च सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने वाली कंपनी ‘जीआईजेड’ वहन करेगी।
पंचायत चुनाव के बीच हुए तबादले
हरिद्वार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है। 74 तबादलों की जो सूची शनिवार को जारी हुई थी, इसमें हरिद्वार के कई निकायों में भी कर्मचारियों के तबादले किए गए थे। इस रोक के पीछे एक वजह आचार संहिता को भी माना जा रहा है।
कुमाऊं मंडल के ज्यादा कर्मचारी
तबादला सूची में कुमाऊं मंडल के कर्मचारियों की संख्या अधिक थी। चूंकि निकाय कर्मचारियों की केंद्रीय सेवा है, जो तबादला एक्ट के दायरे में नहीं आती है। बताया जा रहा है कि कुमाऊं मंडल के इन कर्मचारियों के स्तर से भी तबादलों पर आपत्ति जताई गई थी।
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