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सीएम धामी ने की घोषणा : कहा- नेचुरोपैथी डॉक्टरों का होगा पंजीकरण, अस्पताल खोलने में मदद करे पतंजलि


पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पतंजलि विवि के सभागार में आचार्य बालकृष्ण के जन्मोत्सव पर पारंपरिक भारतीय चिकित्सा आधुनिकीकरण, लोक स्वास्थ्य एवं औद्योगिक परिप्रेक्ष्य विषय पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे दिन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई कैबिनेट मंत्रियों ने कार्यक्रम में शिरकत की।

गुरुवार को पतंजलि में चल रहे आचार्य बालकृष्ण के जन्म उत्सव कार्यक्रम में पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) डॉक्टरों का पंजीकरण होगा। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि पतंजलि उत्तराखंड में विश्व स्तरीय नेचुरोपैथी अस्पताल खोलने में सरकार की मदद करेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी को रोग मुक्त करना आयुर्वेद का उद्देश्य है।आयुर्वेद महज एक चिकित्सा पद्धति नहीं, इसे एक समग्र मानव दर्शन के रूप में वर्णित किया जा सकता है। यह हमारी एक ऐसी विरासत है, जिसके संपूर्ण विश्‍व का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है।

कोरोना काल में किस प्रकार दुनिया ने आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाया और लाभ पाया, यह हम सबों ने देखा। आयुर्वेद जीवन का एक समग्र विज्ञान है और यही कारण है कि आज दुनिया भर में इसकी स्वीकार्यता है।

आयुर्वेद केवल किसी रोगी के उपचार तक सीमित नहीं , बल्कि भारतीय दर्शन में इसे जीवन के मूल ज्ञान के रूप में स्वीकारा जाता है इसलिए इसे पंचम वेद की संज्ञा दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद जितना प्राचीन है, उतना ही वैज्ञानिक।

यही कारण है कि इसका वर्चस्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों संपन्न एक वैश्विक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डालते कहा था कि प्लांट से लेकर आप की प्लेट तक शारीरिक मजबूती से लेकर मानसिक कल्याण तक आयुर्वेद अत्यधिक प्रभावी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज आयुर्वेद की ज्ञान संपदा को एक नई ऊर्जा मिल रही है। उनके नेतृत्व में आज भारत सरकार 75,000 हेक्टेयर भूमि पर जड़ी-बूटी की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। जिसमें उत्तराखंड भी एक बड़ा सहयोगी है।

प्रदेश में जड़ी-बूटी के व्यावसायिक उत्पादन बढ़ाने को लेकर प्रयास कर रही है। उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग और आयुर्वेद के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।

 

 

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