पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बीकेटीसी के सदस्य की ओर से उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच एसआईटी या उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की देखरेख में गठित कमेटी से कराए जाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सहकारिता, उच्च शिक्षा और चिकित्सा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत पर लगे आरोपों की जांच की मांग भी की।
साथ ही यह भी कहा कि यदि जांच न की गईतो एक हफ्ते बाद वो सीएम आवास के बाहर धरना शुरू कर देंगे। गोदियाल आज सुबह सुबह साढ़े नौ बजे ही सीएम आवास पहुंच गए। उन्होंने सीएम को कहा कि श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के एक वर्तमान सदस्य ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य मेरी अध्यक्षता वाली मन्दिर समिति पर विभिन्न अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं।
इसकी शिकायत विभागीय मंत्री से करने की बजाय मेरे राजनैतिक प्रतिद्वंदी सहकाारिता मंत्री से की गई है। मंत्री ने भी शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश भी जारी किये गये हैं। मंत्री का कदम स्वागत योग्य है, लेकिन यह एकपक्षीय कार्यवाही हो रही है। गोदियाल ने कहा कि मैंने भी सहकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग में कई घोटालों की जांच की मांग की है।
लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन में दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाया जाना चाहिए। शिकायत की तटस्थ भाव से जांच एवं तद्नुसार कार्रवाई होनी चाहिए। इससे समाज का लोकतांत्रिक राजनीति मूल्यों एवं राजनीतिज्ञों पर विश्वास बना रहे।
गोदियाल ने अपने कार्यकाल में मंदिर समिति के माध्यम से कराए गए विभिन्न कार्यों का भी क्रमवार उल्लेख किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि वह जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। वह खुद राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान वह समिति में अकेले विपक्षी पार्टी से थे, जबकि बाकि सारे सदस्य भाजपा के थे।
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