अग्निपथ योजना के विरोध में वरिष्ठ नागरिकों और राजनीतिक पार्टियों के साथ राजभवन जा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत व अन्य लोगों को पुलिस ने रोक लिया। सीएम ने कहा कि सरकार युवाओं को ठगने का काम कर रही है। इस तरह की योजनाए थोप कर देश के भविष्य को सकंट में डाला जा रहा है।
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में बुधवार को सर्वदलीय विरोध जताया गया। केंद्र सरकार पर बेरोजगार युवाओं को धोखा देने का आरोप लगाया। पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा शहर के वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही कई राजनीतिक संगठन भी जुड़े। इस दौरान सभी लोग राजभवन की ओर बढ़े। जहां पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
काफी देर तक यहां सभी प्रदर्शनकारी राजभवन जाने की जिद पर अड़े रहे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। जिसके बाद सभी प्रदर्शनकारी यही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ ज्ञापन देने पहुंचे सपा के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सचान बैरिकेडिंग के समीप चक्कर खाकर गिर गए।
इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया गया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार को तत्काल इस युवा और राष्ट्र विरोधी अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए।
उत्तराखंड के युवाओं को बचाने के लिए इस गलत योजना का लगातार विरोध किया जाएगा। इसके लिए लगातार सत्याग्रह चलाया जाएगा। कहा की सेना भर्ती उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार का एक बड़ा जरिया है। सालों से युवा इसकी रात दिन तैयारी कर रहे हैं। अब सीधी भर्ती की जगह अग्निवीरो की भर्ती कर युवाओं को झटका दिया गया।
पहले से भर्ती की फिजिकल परीक्षा पास कर चुके 50 हजार युवाओं को भर्ती निरस्त कर नुकसान पहुंचाया गया है। अग्निपथ योजना के कारण रेजीमेंट सिस्टम आने वाले कुछ वर्षों में पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। राज्यों के मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं की अग्निवीरों को तत्काल नौकरी दी जाएंगी। जबकि हकीकत ये है की छह साल में एक भी पूर्व सैनिक को नौकरी नहीं दी गई है।
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