मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत से जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र कार्य शुरू कराए जाने के लिए प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के तहत स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
इसके साथ ही 300 मेगावाट की बावला नन्द प्रयाग जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन की शीघ्र स्वीकृति प्रदान किए जाने का भी बात कही। मुख्यमंत्री ने किसाऊ परियोजना के एमओयू में कुछ प्रावधानों को शामिल करने का भी आग्रह किया।
अपने तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे सीएम धामी ने यहां केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिव जल शक्ति मंत्रालय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जमरानी बांद परियोजना के लिए निवेश स्वीकृति के लिए संस्तुति की गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारंभ कराये जानेके लिए प्रस्तावित परियोजना को स्वीकृति प्रदान किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से हिमालयी एवं पूर्वोत्तर राज्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सीएसआइएसएसी (कम्पोनेंट-1) में अनुमन्य अनुदान को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा सहायतित एवं सहकारिता द्वारा अनुदानित CSISAC (Component-1) के तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना संचालित की जा रही है। राज्य में सहकारी क्षेत्र में गठित विभिन्न सहकारी संस्थाओं को व्यवसायिक रूप से शुद्ध इकाई बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को प्रदेश सरकार द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना प्रस्तुत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के फलस्वरूप सहकारी समितियों को व्यवसायिक इकाई के रूप में स्थापित किया जाना अत्यन्त चुनौतिपूर्ण है तथा इसके लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री से हिमालयी एवं पूर्वोत्तर राज्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के CSISAC (Componant-1) में अनुमन्य अनुदान को 20 प्रतिशत के स्थान पर 40 प्रतिशत किये जाने का अनुरोध किया। जिससे कि राज्य की सहकारी संस्थायें ऋण धनराशि वहन करने में समर्थ हो सके।
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