श्यामपुर फाटक के जाम ने मरीज की जान ले ली। गंगा दशहरा पर ऋषिकेश में वाहनों की भीड़ उमड़ने के कारण फाटक पर जाम लगा था। वाहनों की लंबी कतार देख ऑटो चालक ने अस्पताल जा रहे बीमार राजमिस्त्री को खैरी खुर्द के पास नीचे उतार दिया। यहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
देव सिंह ने बताया उनके पिता ने घर पर ही तबियत ठीक नहीं होने पर ब्लडप्रेशर की दवा भी ले ली थी, वह कुछ ठीक लग रहे थे फिर भी ऐतिहातन हम वह चिकित्सक के पास दिखाने जा रहे थे।
उन्होंने घर से शेयरिंग आटो लिया। जैसे ही वह नेपाली फार्म क्रास करके अंकित वेडिंग प्वाइंट के पास पहुंचे, तो वहां जाम लगा हुआ था। आटो चालक ने आगे जाने से मना कर पिता पुत्र को वाहन से उतार दिया।
बीमार व्यक्ति को उनके बेटे देव ने वहीं पेड़ के नीचे छांव में बैठा दिया। कुछ मिनट में उसने देखा उनके हाथ पांव कांपने लगे और वह तड़पने लगे। बेटे ने हाथ पांव की मालिश की। लेकिन बेहोश हो चुके थे।
स्थानीय नागरिकों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस मंगवाकर उन्हें सरकारी अस्पताल भेजा। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दर्शन काला का कहना है कि मामला संज्ञान में है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
उधर, इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डा. राजे सिंह नेगी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि श्यामपुर फाटक बंद होने के कारण रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम एवं आटो चालक की लापरवाही के चलते एक गरीब मेहनतकश की जान चली गई।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नासूर बन चुकी समस्या के निस्तारण के लिए वह लंबे अर्से से यहां फ्लाईओवर बनाने की मांग करते आ रहे हैं। समस्या का निस्तारण हुआ होता तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था।
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