ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कड़े तेवर में नजर आए। उन्होंने बिजली संकट पर विभाग के बैकअप प्लान को लेकर नाराजगी जताई। सीएम ने 24 घंटे के भीतर समाधान के साथ अधिकारियों को आने के कड़े निर्देश दिए।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की बैठक ली। राज्य में अधिक बिजली कटौती पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि जल्द से जल्द बिजली संकट की समस्या का समाधान ढ़ूढ़ा जाय। सचिव ऊर्जा, यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल के अधिकारी बिजली संकट की समस्या के समाधान के लिए क्या किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट शीघ्र मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब औद्योगिक क्षेत्रों एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली संकट की समस्या की शुरूआत उत्पन्न हो रही थी, तब इसके उचित समाधान निकालने के सार्थक प्रयास क्यों नहीं किये गये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये की अधूरी तैयारी के साथ बैठक में न आयें। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा की बैठक जल्द दुबारा किये जाने के निर्देश दिये। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि वे पूरी तैयारी और समस्या के समाधान की पूरी योजना बनाकर ही बैठक में आयें।
देहात में सात और शहर में पांच घंटे की बिजली कटौती ने उपभोक्ताओं की परेशानी को बढ़ा दिया है। हालात यह है कि ऊर्जा निगम हर दिन बिजली कटौती कर रहा है। लेकिन, कटौती का समय निर्धारित नहीं कर रहा है।
गुरुवार को देहात क्षेत्र में सात और शहर में पांच घंटे की बिजली कटौती हुई है। मार्च के अंतिम सप्ताह से ही गर्मी का प्रकोप बढऩा शुरू हो गया था। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति ने भी आंख मिचौनी करना शुरू कर दिया था।
बुधवार को रात्रि आठ बजे के बाद बिजली आपूर्ति सुचारू हुई। लेकिन, इसके बाद फिर से बिजली के आने-जाने का सिलसिला बना रहा। गुरुवार को सुबह के समय शहर के कई हिस्सों की बिजली गुल हो गई। बताया गया कि सुबह मेंटिनेंस के चलते आपूर्ति बाधित हुई है। इसके बाद शाम तीन बजते ही शहर के सभी बिजलीघरों से आपूर्ति बंद हो गई। उपभोक्ताओं ने निगम के अधिकारियों से जानना चाहा कि बिजली कटौती कब तक रहेगी। लेकिन, कोई भी जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद देर शाम तक बिजली कटौती का यह सिलसिला जारी रहा।
यूपीसीएल के एसई कॉमर्शियल गौरव शर्मा ने बताया कि प्रदेश में बिजली की डिमांड 44 मिलियन यूनिट तक चल रही है। इसके सापेक्ष 29 से 30 मिलियन यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। बाकी 13 से 15 मिलियन यूनिट रोजाना बाजार से खरीदनी पड़ रही है।
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