शनिवार को राजभवन में वसंतोत्सव को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए राज्यपाल भवन में लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने दो दिवसीय वसंतोत्सव 8 और 9 मार्च के आयोजन को लेकर पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान राज्यपाल ने बताया कि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकपर्व फूलदेई के आयोजन के साथ राजभवन में वसन्त उत्सव 2022 का पूरे उत्साह के साथ आयोजन किया जा रहा है। इस बार मशरूम, शहद उत्पादन, जड़ी बूटी, जैविक खेती आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को सम्मानित किया जाएगा। शहद उत्पादन, इत्र, ऐरामेटिक पौधों, औषधीय जड़ी बूटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही यह आयोजन समरसता के संदेश को लेकर देवभूमि की परंपरा को पूरे विश्व में फैलाने का काम करेगी। इसके लिए विभिन्न प्रचार के माध्यमों के साथ सोशल मीडिया के जरिए इस खूबसूरत पुष्प प्रदर्शनी के महक को देश विदेशों में पहुंचाया जाएगा ताकि आने वाले समय में पुष्प कारोबार में और तेजी आ सके। इस अवसर पर सचिव डॉ मीनाक्षी सुंदरम तथा निदेशक उद्यान डॉ एच एस बवेजा भी उपस्थित थे |
राज्यपाल ने बताया कि पहले राज्य में 109 हेक्टेयर में फूलों की खेती होती थी, अब 610 हेक्टेयर में की जा रही है। यह राज्य के लिए सुखद विषय है। अब इसे और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के साथ बढ़ाने पर काम करना है।
राजभवन में 2003 से प्रारंभ किया जाने वाला वसंत उत्सव देहरादून की पहचान बन चुका है। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे़ सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव में बदल चुका है। उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां एवं उपलब्ध जलवायु पुष्पोत्पादन के लिए उपयुक्त है।
कम क्षेत्रफल से अधिक आय प्राप्त होने के कारण कृषकों/उत्पादकों में इसके उत्पादन की अभिरूचि में वृद्धि हो रही है। प्रतिवर्ष राजभवन के प्रागंण में वसंतोत्सव के आयोजन से पुष्पोत्पादन के क्षेत्र में जनसाधारण एवं कृषकों में विशेष जागरूकता व अभिरूचि विकसित हुई है।
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