देहरादून में सहस्रधारा रोड स्थित सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन के बाहर छात्रा वंशिका की उसके साथ पढ़ने वाले छात्र ने सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के मुताबिक वह छात्रा को जबरन बाइक पर बैठाने का प्रयास कर रहा था, इन्कार करने पर आरोपित ने घटना को अंजाम दिया। आरोपित बाइक व कट्टा घटनास्थल पर छोड़कर मौके से फरार हो गया था। जिसे पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है।
वंशिका बंसल (20 वर्ष) हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित द्वारिका विहार की रहने वाली थी और देहरादून में डी-फार्मा की पढ़ाई कर रही थी। वह कालेज के ही हास्टल में रहती थी। आरोपित आदित्य तोमर निवासी सुंदरवाला, रायपुर उसी की कक्षा में पढ़ता है।
गुरुवार शाम को वंशिका सामान लेने के लिए अपनी सहेली के साथ एक जनरल स्टोर पर जा रही थी। इसी दौरान आरोपित आदित्य ने वंशिका को जबरन बाइक पर बैठाने की कोशिश की। वंशिका ने जब इन्कार कर दिया तो आदित्य ने वंशिका को गोली मार दी और बाइक व कट्टा मौके पर ही छोड़कर भाग गया।
कालेज के बाहर सहपाठी की हत्या करने के आरोपित आदित्य तोमर की घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, क्षेत्र के लोग चंदा करके उसकी फीस भर रहे थे। आदित्य के पिता देहरादून में ड्राइवर की नौकरी करते थे। जिस कारण काफी समय पहले पूरा परिवार देहरादून आ गया और यहीं पर मकान बना लिया। घर पर उसकी मां व बहन रहती हैं। पिता की कोरोनाकाल में मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपित ने डी फार्मा में दाखिला लिया, लेकिन वह फीस भी नहीं भर पा रहा था।
पुलिस पूछताछ में आरोपी आदित्य तोमर द्वारा बताया गया कि वह सिद्धार्थ फार्मेसी आई0टी0पार्क देहरादून में डी0फार्मा प्रथम वर्ष का छात्र है तथा मृतका वंशिका उसी के साथ पढती थी। लगभग एक माह पूर्व वंशिका द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी एक फोटो अपलोड की गयी थी, जिस पर मेरे द्वारा कमेंट किया गया था। जिसको लेकर वंशिका तथा मेरे बीच कहासुनी हो गयी तथा वंशिका द्वारा हमारे कालेज में उसके परिचित सीनियर छात्रों से इस सम्बन्ध में मेरी शिकायत की गयी, जिनके द्वारा मेरे परिजनों को फोन कर इसकी जानकारी दी गयी थी। उसके पश्चात कालेज बन्द हो गया तथा दिनाक 03 मार्च को कालेज के खुलने पर शाम के समय मेरी मुलाकात कालेज के गेट के सामने वंशिका से हुई और हम दोनो के बीच फिर से इस बात को लेकर कहासुनी हो गयी। वंशिका ने मौके पर अपने परिचित सीनियर छात्रों को बुला लिया जिनके द्वारा मुझे डरा धमाककर मुझसे जबरदस्ती वंशिका के पैर छूकर उससे माफी मगंवाई गयी। इस बात को लेकर मैं आवेश में आ गया और पूर्व से मेरे पास रखे एक तमंचे को लेकर वापस कालेज के पास आया। कालेज के पास ही स्थित जनरल स्टोर की दुकान में मुझे वंशिका मिली, जहां मैने उसे तंमचा दिखाकर उन लोगों को बुलाने की बात कही। इसी बीच हम दोनो के बीच हुई कहासुनी में मैने वंशिका को गोली मार दी और पकडे जाने के डर से मैं अपनी मोटर साइकिल व तमंचा मौके पर ही छोडकर वहां से फरार हो गया। मैं देहरादून से भागने की फिराक में था लेकिन जगह-जगह देहरादून पुलिस द्वारा की जा रही सघन चैकिंग को देखकर पकडे जाने के डर से रातभर मैं रायपुर क्षेत्र में जंगल में झाड़ियों के बीच छिपा रहा तथा आज फिर वहां से भागने की फिराक में था कि तभी पुलिस द्वारा मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों की मानें तो आरोपित दिन में कालेज के अंदर भी गया था। इसके बाद वह वंशिका का बाहर इंतजार करने लगा। जैसे ही वंशिका कालेज से बाहर आई तो उसने उसे बाइक पर बैठाने का प्रयास किया। जब वह अपने प्रयास में सफल नहीं हो सका तो उसने उसे गोली मार दी।
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