दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत (सेनि) ने स्पष्ट किया है कि विधानसभा चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। उनका एकमात्र ध्येय भाजपा के माध्यम से प्रदेशवासियों की सेवा करना है। साथ ही वह जनता, विशेषकर पूर्व सैनिकों व सैन्य परिवारों को बताएंगे कि उत्तराखंड के विकास के लिए भाजपा समर्पित भाव से कार्य कर रही है। ऐसे में आवश्यक है कि राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बने।
कर्नल विजय रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद से यह चर्चा चल रही है कि सैन्य बहुल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में पार्टी उन्हें किसी सीट से प्रत्याशी बना सकती है। रविवार को दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने इस तरह की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने उन्हें चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन उनके द्वारा इन्कार कर दिया गया।
अगर अब भी पार्टी नेता इस बारे में कहते हैं तो 99 प्रतिशत उनका जवाब न ही होगा। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र ध्येय जनता की सेवा करना है। अपने 34 साल के सैन्य कार्यकाल में उन्हें इसका अवसर नहीं मिल पाया। अब जबकि वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो वे अपने राज्यवासियों की सेवा करना चाहते हैं। प्रदेश व देश की सेवा के लिए ही वह भाजपा में आए हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद छोटी सभाओं के आयोजन की चुनाव आयोग द्वारा छूट दिए जाने के मद्देनजर प्रदेश भाजपा भी चुनाव प्रचार के लिए नई रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस क्रम में 31 जनवरी के बाद प्रदेशभर में पार्टी के केंद्रीय व प्रांतीय नेताओं की छोटी-छोटी सभाओं के कार्यक्रम निर्धारित करने को मंथन शुरू कर दिया गया है। बूथ स्तर पर घर-घर जनसंपर्क के लिए अब पांच के स्थान पर 10-10 कार्यकर्त्ताओं की टोलियां तय की जा रही हैं।
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