हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए आदेश का अनुपालन नहीं करने पर प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अल्मोड़ा महातिम यादव को अवमानना का दोषी माना है। कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती (बेलेबल) वारंट जारी किया है। डीएफओ को 16 नवंबर तक जवाब पेश करने के लिए कहा है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। पूर्व में हाईकोर्ट ने डीएफओ अल्मोड़ा को दैनिक श्रमिकों की याचिका पर उन्हें न्यूनतम वेतन एवं अन्य लाभ देने के आदेश दिए थे, लेकिन विभाग द्वारा इन श्रमिकों को इसका लाभ नहीं दिया गया। इसके विरुद्ध श्रमिकों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
अवमानना याचिका में कहा कि डीएफओ अल्मोड़ा महातिम यादव को कोर्ट ने पूर्व में अवमानना का नोटिस जारी किया था, लेकिन डीएफओ ने कोर्ट में इसका उत्तर न देकर इसके उलट कार्रवाई करते हुए 28 अक्तूबर को सभी श्रमिकों को हटाने का आदेश जारी कर दिया। डीएफओ ने दैनिक श्रमिकों को जारी इस आदेश में कहा कि आपकी नियुक्ति विभाग में बिना पद सृजन एवं अस्थायी रूप में की गयी है। इससे संबंधित नियमों के तहत आपको कभी भी हटाया जा सकता है। जबकि याचिकाकर्ता खिलानंद एवं अन्य ने पूर्व में याचिका दायर कर कहा था कि वे विभाग में कई वर्षों से विभिन्न पदों पर दैनिक श्रमिक कर्मियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनको अभी तक न्यूनतम वेतन एवं अन्य लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कोर्ट से उन्हें न्यूनतम वेतन लाभ की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने शुक्रवार को डीएफओ अल्मोड़ा के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी करते हुए उन्हें 16 नवंबर तक जवाब पेश करने को कहा है।
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