उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद आई आपदा के बाद सरकार ने पीड़ितों पर मरहम लगाना शुरू कर दिया है। एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार, जिन घरों में पानी घुस गया है या फिर सामान खराब हो गया है, उस राशि को 3,800 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा पर आंकलन करने के बाद घोषणा की है कि पक्के और कच्चे भवन जो क्षतिग्रस्त हुए हैं, उसमें राशि को 95,000 से बढ़ाकर 1,50,000 रुपए कर दिया है। चिंता जताई कि आपदा के बाद कई लोगों को अपने घरों से हाथ धोना पड़ा।
उत्तराखंड में 17 और 18 अक्तूबर को आई भीषण आपदा में कुल 224 लोगों के भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सोमवार को इस संदर्भ में रिपोर्ट जारी की गई है। इस आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 72 पहुंच चुका है। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश और आपदा की वजह से सबसे अधिक 93 भवन यूएस नगर जिले में क्षतिग्रस्त हुए हैं।
नैनीताल जिले में 74 लोगों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा अल्मोडा में 40, चमोली में 15 और चम्पावत में दो मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। आपदा के दौरान सबसे अधिक 35 लोगों की मौत नैनीताल जिले में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न हादसों में घायल हुए कुल 26 लोगों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
उत्तराखंड में भारी बारिश से मची तबाही के दौरान तीन दिन में कुल 72 लोगों ने जान गंवाई है। इस बीच अलग-अलग हादसों में कम से कम 26 लोग घायल हुए और 224 घर बुरी क्षतिग्रस्त हो गए। आपदा के दौरान लापता लोगों में से चार का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। कल आई उत्तराखंड सरकार की एक रिपोर्ट ने ये आंकड़े सामने रखे। रिपोर्ट के अनुसार आपदा के दौरान राज्य में हुए कई हादसों के चलते 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक कुल 72 लोगों की मौत हो गई।
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