पुलिस कर्मियों की छुट्टी को लेकर डीजीपी अशोक कुमार के आदेशों का भी पालन नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में जब सिपाहियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें छुट्टियां तो दूर साप्ताहिक अवकाश तक नहीं मिल पा रहा। जबकि डीजीपी ने प्रत्येक सप्ताह रोस्टर के अनुसार थाना-चौकी में तैनात सिपाहियों को एक दिन का अवकाश देने के आदेश दिए थे।
मगर उन्हें काम अधिक होने के चलते मजबूरन ड्यूटी देनी पड़ रही है। सिपाही काम की अधिकता के कारण हफ्ते में वर्दी तक नहीं धो पा रहे हैं। डीजीपी ने सिपाही के अवकाश की जिम्मेदारी थाना-चौकी प्रभारियों को दी है। थाना-चौकी प्रभारियों की मानें तो साप्ताहिक अवकाश के लिए रोस्टर तो बनाया है, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते केवल जरूरी अवकाश दिया जा रहा है। इससे सिपाहियों को वर्दी धोने तक का समय नहीं मिल पा रहा है।
डीजीपी अशोक कुमार ने एक जनवरी 2021 से अवकाश का आदेश नौ पहाड़ी जिलों में लागू किया था। पहले चरण में पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत में साप्ताहिक अवकाश लागू किया गया। बाद में इसे देहरादून, हरिद्वार, यूएस नगर और नैनीताल में लागू करने का प्रस्ताव बनाया था। थाना प्रभारी को अवकाश के लिए रोस्टर तैयार करने को कहा था।
आदेश के अनुसार सिपाहियों को साप्ताहिक अवकाश के अलावा शादी की सालगिरह और जन्मदिन पर भी अवकाश देने की बात कही थी। कर्मियों के परेशानी को देखते हुए डीजीपी ने यह निर्णय लिया था। सिपाही को अगर इस हफ्ते अवकाश नहीं मिल रहा है तो उसे एडजस्ट किया जा रहा है।
विभाग में पुलिस कर्मियों की कमी है। काम की अधिकता के कारण सिपाही के अलावा अधिकारी भी काम में जुटे हैं। नई भर्ती होते ही स्टाफ बढ़ जाएगा। जिसके बाद साप्ताहिक अवकाश लगातार दिया जाएगा।
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