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बिजली कर्मियों ने दी सरकार को चेतावनी, समाधान नहीं निकाला तो कल से होगी हड़ताल।


एसीपी सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर छह अक्तूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी कर रहे ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों के तेवर मुख्य सचिव से वार्ता के बाद हालांकि नरम पड़ गए हैं लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री ने कोई समाधान नहीं निकाला तो बुधवार से हड़ताल करना हमारी मजबूरी होगी। ऑल इंडिया फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हड़ताल हमारा उद्देश्य नहीं है। सरकार रास्ता निकाले तो हम हड़ताल नहीं करना चाहते हैं।

दरअसल, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है। इसके तहत मोर्चा ने पांच अक्तूबर तक मांगें पूरी न होने पर छह अक्तूबर की सुबह आठ बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। तीनों निगमों ने हड़ताल करने पर एस्मा के तहत कार्रवाई का नोटिस भी जारी किया है। इस बीच वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सरकार ने एक ओर जहां यूपी, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब से बिजली कर्मचारियों को बुलाया है तो दूसरी ओर यूपीसीएल ने जूनियर इंजीनियर व असिस्टेंट इंजीनियरों की कांट्रेक्चुअल भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की है। इन सबके बीच आंदोलन की जिद पर अड़े मोर्चा को सोमवार की शाम मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने वार्ता के लिए बुलाया

वार्ता में सचिव ऊर्जा सौजन्या, तीनों निगमों के एमडी, निदेशक व मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए। वार्ता के बाद मोर्चा के पदाधिकारी उत्साहित नजर आए। मोर्चा संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि वार्ता काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक होने जा रही है। उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री की बैठक के बाद ही उनके हक में आदेश भी जारी हो जाएंगे।

कई संगठनों ने दिया समर्थन
आंदोलन चला रहे संयुक्त संघर्ष मोर्चा को सोमवार को उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन, उत्तराखंड शिक्षक अधिकारी कर्मचारी महासंघ, उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति, उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग डिप्लोमा इंजीनियर संघ आदि संगठनों ने समर्थन दिया।

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यूपीसीएल ने असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियरों की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया तो भीड़ उमड़ आई। दिनभर वॉक इन इंटरव्यू चले। दरअसल, बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा के साथ ही यूपीसीएल ने वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी करनी शुरू कर दी। इसके तहत ही यूपीसीएल में अस्थायी तौर पर 11 माह के लिए असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियरों की भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित किया गया। विज्ञापन देखकर सोमवार को सुबह से ही यूपीसीएल मुख्यालय पर बेरोजगारों की भीड़ उमड़ गई। हालात संभालने के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं करनी पड़ीं। भीतर हॉल में वॉक इन इंटरव्यू शुरू हुए। पहले दिन करीब दो सौ युवा पहुंचे। आज मंगलवार को भी वॉक इन इंटरव्यू होने हैं।

वहीं, तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों पर लगातार मनोवैज्ञानिक दबाव बन रहा है। तीनों निगमों के कर्मचारी हड़ताल को लेकर अड़िग हैं जबकि सरकार के स्तर से भी लगातार दबाव बनाने का प्रयास चल रहा है। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने जुलाई में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की तो सचिव ऊर्जा की ओर से एस्मा लागू कर दिया गया। छह माह तक के लिए एस्मा लागू किया गया था जो कि अभी भी लागू है। जैसे ही बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन तेज किया और छह अक्तूबर की सुबह आठ बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया तो एक बार फिर एस्मा के तहत कार्रवाई की बात सामने आ गई।

यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल ने अपने-अपने कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिए कि अगर उन्होंने आंदोलन में हिस्सा लिया तो एस्मा के तहत गिरफ्तारी, जेल और जुर्माना लगेगा। इस मामले में सेवाएं भी समाप्त हो सकती हैं। कहीं न कहीं, सरकार इस कानून के तहत आंदोलनरत ऊर्जाकर्मियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। दूसरी ओर, सोमवार को जैसे ही तीन महीने के लिए जिलाधिकारियों को रासुका के तहत कार्रवाई का अधिकार देने की अधिसूचना जारी हुई तो दोबारा मनोवैज्ञानिक दबाव की बात सामने आने लगी। माना जा रहा है कि रासुका के बहाने बिजली कर्मचारियों पर दबाव बनाने की भी सरकार प्रयास कर रही है

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