Himalaya sandesh

No.1 News Portal of Uttarakhand

चमोली आपदा का सामने आया सही कारण


According to ISRO & IRSS कार्टोसेट-
सैटेलाइट दिखाता है कि नदी के शुरुआती छोर में पहाड़ पर बहुत बड़ी चट्टान है जिस में दरार पड़ी हुई थी, साथ ही उस बड़ी चट्टान के अंदर पानी भी स्टोर था और ऊपर अधिक मात्रा में बर्फ भी थी। इसके अतिरिक्त पहाड़ी के नीचे बहुत तीव्र ढाल वाली खाई है जिसमें तीनों ओर से बड़ी मात्रा में बर्फ इकट्ठा हुई थी साथ ही बर्फ इकट्ठा होने से वहां पर पानी भी संचित हो रखा था। इसके अतिरिक्त 5 फरवरी से 7 फरवरी के बीच केवल 2 दिन के अंदर तापमान में लगभग 7-8 डिग्री सेंटीग्रेड की अचानक बढ़ोतरी हुई जिससे पानी से संजीत और बर्फ से लकदक पहाड़ की बड़ी चट्टान टूट गई और तीव्र ढाल होने के चलते खाई में इकट्ठा बर्फ और पानी पर तेजी से गिरी। इससे खाई में बहुत बड़ी मात्रा में संचित बर्फ और पानी के साथ चट्टान के साथ आया पानी बड़े बड़े बोल्डर्स और बर्फ सहित सारा मटेरियल मिलकर नीचे के तीव्र ढाल में बहुत अधिक ऊर्जा और वेग़ के साथ चलने लगा। आगे ढाल और तीव्र होने तथा संकरी खाई होने से उसका वेग और भी बढ़ता चला गया जिस कारण पहले ऋषि गंगा प्रोजेक्ट और उसके बाद तपोवन प्रोजेक्ट पर कहर बनकर टूट गया। उसके आगे धीरे-धीरे नदी की चौड़ाई बढ़ती जाती है और ढलान भी घटता जाता है जिससे नदी का वेग भी कम होता गया और निचले वाले इलाकों में पहुंचते-पहुंचते नदी के मटेरियल की मात्रा और उसकी गति भी धीरे-धीरे सामान्य होती गई।

About The Author


Contact Details

Editor in Chief:-Satish Chand
Publish from:-kaulagarh road Garhi cantt Dehradun Uttarakhand
Phone:-+91 7830601534
Email:-
[email protected]

Website:- www.himalayasandesh.com