Himalaya sandesh

No.1 News Portal of Uttarakhand

विशुद्ध राजनीतिक परंपरा के व्यक्ति हैं गौरव गोयल


देहरादून :-

मेयर गौरव गोयल के राजनीतिक परिदृश्य पर नजर डाली जाए तो जो सबसे प्रमुख बात उभरकर सामने आती है वह यह है कि वे विशुद्ध राजनीतिक परंपरा के व्यक्ति हैं और संबंधों को जुगाड़ने में उनका कोई मुकाबला नहीं। यह खासी दिलचस्प बात है कि युवा होने के बावजूद वह पिछले दो दशकों से भाजपा से जुड़े रहकर उत्तराखंड भाजपा सरकार के प्रथम मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी के प्रतिनिधि बनने में सफल हुए थे,वहीं वह भाजपा संगठन में विभिन्न छोटे-बड़े पदों पर रहकर पार्टी को अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय दे चुके हैं।

भाजपा के जिला महामंत्री पद से लेकर भाजपा तथा इसके विभिन्न प्रकोष्ठों पर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएं गौरव गोयल द्वारा दी जा चुकी है।हालात को अपने अनुकूल बनाने में उनकी कला इतनी जबरदस्त है।

भाजपा के पूर्व में जिला अध्यक्ष रहे राजपाल के नेतृत्व वाला पिछला जिला संगठन उन्होंने तमाम वरिष्ठ नेताओं को धता बताते हुए अकेले अपने दम पर ही खड़ा करवा दिया था।कहना गलत ना होगा कि भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कुमार को साधने में वे तब पूर्ण रूप से सफल हुए थे।

कमाल की बात तो यह है कि पिछले लोकसभा में वह सीधे पार्टी दिग्गज मदन कौशिक के खिलाफ ताल ठोकने में भी नहीं चुके थे और भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे नरेश बंसल की लोकसभा टिकट की दावेदारी को उन्होंने खुलकर समर्थन दिया था,जब बंसल को टिकट नहीं मिला तो वे फिर निशंक के साथ चले गए और रुड़की में डॉक्टर निशंक के लिए उन्होंने मीडिया को ही नहीं,बल्कि तमाम पार्टी संगठन के लोगों को एकजुट कर निशंक के पक्ष में माहौल तैयार किया।

गौरव गोयल महज संगठन पद की महत्वाकांक्षा रखते हो ऐसा नहीं है,उन्होंने छः वर्ष पूर्व मन बना लिया था कि रुड़की से नगर निगम का मेयर का चुनाव उन्हें अपने दम पर लड़ना है।यह अलग बात है कि पार्टी उन्हें टिकट दे या ना दे जिसके लिए उन्होंने पिछले 6 वर्षों में रुड़की नगर निगम क्षेत्र ही नहीं,बल्कि आसपास की कई विधानसभाओं में भी अपने आगामी चुनाव को लेकर जमीन तैयार करनी शुरू कर दी थी और उन्होंने टिकट के लिए भी अपनी संभावनाओं को चरम पर पहुंचाने के लिए भरपूर प्रयास किया,किंतु वर्ष 2019 नवंबर में मेयर के चुनाव घोषित हुए और टिकट गौरव गोयल को ना देकर पार्टी के अन्य व्यक्ति को दिया गया।परिणाम स्वरूप मेयर गौरव गोयल चुनाव मैदान में अपने दम पर निर्दलीय ही उतरे और विजयश्री प्राप्त की।

फ़िलहाल ये स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि उनकी राजनीतिक रफ्तार बहुत तेज है।अपने समकक्ष अन्य भाजपाइयों से वे काफी आगे दिखाई दे रहे हैं और चूंकि उनका हर कदम सोचा समझा है,इसलिए कोई बड़ी बात नहीं कि वे अपने आचरण को भी साफ-सुथरा रखने का प्रयास कर रहे हैं।इस प्रयास का फल उनके पक्ष में यह निकल रहा है कि अभी तक उनकी छवि पर कोई दाग नहीं है।मेयर गौरव गोयल का सरल स्वभाव तथा दान-धर्म का किया कार्य ऐसा है,जो उन्हें उनकी ऊंचाइयों पर पहुंचा सकता है।सबको साथ लेकर चलने में वह विश्वास रखते हैं और नगर के विकास तथा इसको गति देने के लिए उन्होंने फिलहाल भाजपा में पुनः शामिल होना उचित समझा,तो वह निर्दलीय चुनाव जीतने के कुछ महीनों बाद ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत सहित अन्य वरिष्ठ प्रांतीय भाजपा नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए तथा नगर निगम के विकास कार्यों को गति देने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं।

About The Author


Contact Details

Editor in Chief:-Satish Chand
Publish from:-kaulagarh road Garhi cantt Dehradun Uttarakhand
Phone:-+91 7830601534
Email:-
[email protected]

Website:- www.himalayasandesh.com