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कोरोना काल मे कृषि, उद्यान आधारित सेक्टर मे ही रोजगार की सम्भावनायें है, इस सेक्टर को हमें और मजबूत करना हैै : सुबोध उनियाल


हल्द्वानी:

कृर्षि उद्यान पशुपालन एंव रेखीय विभागों की सर्किट हाउस में मण्डलीय बैठक लेते हुए कृर्षि उद्यान मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पूरा विश्व कोविड 19 महामारी से प्रभावित है।कई प्रकार के उद्योग अभी भी बन्द है, ऐसी स्थिति कृषि आधारित सेक्टर पर दबाव बढ गया है। उन्होने कहा कि कृषि, उद्यान आधारित सेक्टर मे ही रोजगार की सम्भावनायें है। इस सेक्टर को हमें और मजबूत करना हैै। उन्होने मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कृषि एलाइड सेक्टर के अधिकारियों मे विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये कृषकों को और अधिक बेहतर सुविधायें देते हुये योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जिला योजना का 40 प्रतिशत की धनराशि कृषि सेक्टर में व्यय करना सुनिश्चित करें, जिससे अधिक से अधिक कृषकों एवं कृषि आधारित व्यवसायियों को लाभ मिल सके व उनकी आय मे वृद्वि हो सके।
कृषि, उद्यान मंत्री श्री उनियाल ने कहा कि एकीकृत कृषि बागवानी योजना पर विशेष फोकस दिया जाए ताकि हम कृषि बागवानी क्षेत्र मे आगे बढ सकें व अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं कर सकें साथ ही कृषक भी आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होने कृषि विभाग की राष्टीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री सिचाई योजना, सबमिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन, राष्टीय खादय सुरक्षा मिशन,राष्टीय सम्पोषणीय कृषि मिशन, परम्परागत कृषि विकास योजना,मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, फसल बीमा योजना, कृषक उत्पादक समूह एफपीओ, एग्रीकल्चर इंफ्राटैक्चर फंड योजना के साथ ही औद्यानिकरण, पुराने उद्यानों का जीर्णोद्वार, औधानिक यंत्रीकरण,पाॅलीहाउस की स्थापना, जलस्रोत्रोें का सृजन, मशरूम उत्पादन, खादय प्रसंस्करण ईकाइयो की स्थापना, फल सब्जी पट्टियों की स्थापना, विपणन व्यवस्था के साथ ही पशुपालन, मौनपालन, मत्स्य पालन, कुकुट, रेशम के साथ ही सहकारिता की योजनाओं का समन्वय स्थापित करते हुये कृषकोें को लाभ पहुचाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जनपदों में कलैस्टर विकसित किये जांए ताकि कृषकों की आय को दोगुना किया जा सके। उन्होने बताया कृषकों की उपज विपणन प्रदेश मे 1300 आउटलैट बनाये जा रहे है।
श्री उनियाल ने मण्डल मे संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुये कहा कि जनपदों में आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत कृषक उत्पादक समूहों एफपीओ का गठन किया जा रहा है, आगामी तीन वर्षो में तीन सौ समूहों का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने कहा भारत सरकार द्वार महत्वाकाक्षी योजना कृषकों के लिए चलाई जा रही है जिसमें आत्मनिर्भर भारत- एग्रीकल्चर इंफ्रास्टक्चर फंड योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री ने कृषि विकास के लिए एक लाख करोड का फंड जारी किया है इस फंड का इस्तेमाल फसल कटाई के बाद प्रसंस्करण आदि इन्फ्रास्टेक्चर के विकास हेतु किया जाना है। इसके साथ ही कोल्ड स्टोरेज, कलैक्शन सेन्टर फूड प्रोसेसिंग लगाने जैसे कार्यो के लिए ऋण देने के साथ ही गांवों मे निजी निवेश और रोजगार को बढावा देना है। योजना के अन्तर्गत प्राइमरी एग्री के्रडिट सोसाइटी, किसानो के समूहों, किसान उत्पान संगठनों, एग्री एंटरप्रिन्योर, स्टार्टअप एंव एग्रीटेक प्लेयर्स को ऋण न्यूनतम 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया जायेगा। इस योजना का अधिक से अधिक कृषकों व कृषि आधारित स्वरोजगारियोें को लाभ पहुचाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के साथ ही उपलब्धता को देखते हुये कलस्टर आधारित एकीकृत कृषि कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे है। जिसमे चालू वित्तीय वर्ष में 12 करोड का बजट रखा गया है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कृषि सम्बद्व क्षेत्रों के समग्र एवं समेकित विकास करने हेतु कृषि जलवायुवीय, प्राकृतिक संसाधन एवं प्रोद्योगिकी को ध्यान मे रखते हुुये गहन कृषि विकास से बढावा देने हेतु राष्टीय कृषि योजना के गैप फिंलिग के लिए विशेष अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के उददेश्य से राज्य सेक्टर के अन्तर्गत मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना संचालित की गई है। जिसके तहत 18 करोड का बजट प्राविधान किया गया है। कृषकों के उन्नयन के लिए मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना संचालित करते हुये 15 करोड का बजट रखा गया है। उन्होने कहा कि कोविड19 महामारी में लाॅकडाउन अवधि मे कृषि विभाग द्वारा कृषक हितोें के लिए 670 कृषि निवेश केन्द्र खोले गये हैं जिसमें कृषकों समय से कृषि निवेश उपलब्ध हो सकेगा।
कृषि मंत्री ने प्रत्येक जनपद में एक-एक हर्बल नर्सरी एवं औषधीय पौध नर्सरी स्थापित करने के निर्देश अधिकारियोे को दिये साथ ही प्रत्येक न्याय पंचायत मे एक कृषि उद्यान एवं रेखीय विभागों द्वारा सभी योजनायें एकीकृत कर माॅडल गांव बनाने के निर्देश दिये ताकि न्याय पंचायत के अन्य गांव भी प्रेरित होकर एकीकृत योजनाओं को अपनाकर अपनी आय बढा सकें। उन्होने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान इम्यूनिटी बढाने हेतु हर्बल उत्पादों की मांग बढी है इसलिए उन्होने मुख्य विकास अधिकारियों का निर्देश दिये कि वे जनपदोें मेे औषधीय पौधों की नर्सरी स्थापित करते हुये हर्बल पोघों का अधिक से अधिक प्लान्टेशन कराये साथ ही हाॅटी एग्रीकल्चर टूरिजम भी विकसित करने हेतु चिन्हिकरण करने के निर्देश दिये। उन्होने भेषज, टीबोर्ड, हर्बल वैज्ञानिकों को गांव स्तर तक जाकर योजनाओ का प्रचार प्रसार कर ग्रामीण कृषको को प्रेरित करने के निर्देश भी दिये।
सचिव कृषि शिक्षा एवं उद्यान हरबंश सिह चुग ने कहा कि एकीकृत कृषि उद्यान योजना के साथ मैकेनाइजेसन को सम्बद्व करते हुये कार्य किये जांए तभी कृषि मे क्रान्ति लाई जा सकती है इस हेतु मुख्य विकास अधिकारी नियमित मानिटरिंग कर योजनाओ को बेहतर तरीके से धरातलीय जामा पहनायें तथा कृषकोें को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुचायें।
बैठक मे मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल नरेन्द्र सिह भण्डारी, उधमसिह नगर हिमांशु खुराना, अल्मोडा मनोज गोयल,पिथौरागढ अभिषेक गहरवार, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक हर्बल रिसर्च सेन्टर डा0 सीएस सनवाल, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, अध्यक्ष मण्डी परिषद मनोज साह, अनिल कूपर डब्बू, चतुर सिह बोरा सहित मण्डल के सम्बन्धित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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